ज़रा देर ठहरो राम तमन्ना यही है राम भजन

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वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, भगवान राम ने कर्क लग्न में दोपहर 12 बजे जन्म लिया था. ऐसे में श्रीराम का जन्मोत्सव अभिजित मुहूर्त में मनाना शुभ होता है.रामनवमी के ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. भगवान राम के दर्शन के बाद घर में आकर भगवान राम के जन्मोत्सव के लिए घर के मंदिर में झांकी सजाने के बाद एक कलश स्थापित करें,

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