मेहंदीपुर बालाजी कथा

0 20

प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित सात करोड़ मंत्रों में श्री हनुमान जी की पूजा का विशेष उल्लेख मिलता है। श्री रामभक्त, रूद्र अवतार सूर्य-शिष्य, वायु-पुत्र, केसरी नन्दन, श्री बालाजी के नाम से प्रसिद्ध श्री हनुमान जी समूचे भारत वर्ष में पूजे जाते है। माता अंजनि के गर्भ से प्रकट हनुमान जी में पाँच देवताओं का तेज समाहित है। “अजर-अमर गुणनिधि सुत होहु“ यह वरदान माता जानकी जी ने हनुमान जी को अशोक वाटिका में दिया था। स्वंय भगवान श्रीराम ने कहा था कि- ’सुन कपि तोहि समान उपकारी, नहि कोउ सुर, नर, मुनि, तनुधारी’। बल और बुद्धि के प्रतीक हनुमान जी राम और जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। अतुलनीय बलशाली होने के फलस्वरूप इन्हें बालाजी की संज्ञा दी गई है। सभी भक्त अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं की उपासना करते है। परन्तु इस युग में भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हनुमान जी को सबसे ज्यादा पूजा जाता है। यही कारण है कि हनुमान जी को कलयुग का जीवंत देवता कहा गया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.