दिवाली के दिन सबसे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. यह पूजा की शुरुआत से पहले महत्वपूर्ण है क्योंकि मां लक्ष्मी स्वच्छ और पवित्र स्थान पर निवास करती हैं. उसके बाद पूजा स्थान को सजाएं. इसके लिए एक छोटा मंडप बना सकते हैं या एक चौकी पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित कर सकते हैं. चौकी पर सफेद या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. उस पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. फिर नारियल, मिठाई, फूल (लाल या सफेद) अर्पित करें और धूप, कपूर, घी का दीपक जलाएं. अक्षत (चावल), रोली, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) और पान के पत्ते पूजन में अर्पित करें. फिर पूजा शुरू करें. सबसे पहले पूजा स्थल के सामने बैठकर ध्यान लगाएं और मन शांत करें.
मां लक्ष्मी का ध्यान कर उनका आवाहन करें. लक्ष्मी जी को जल अर्पण करें और फिर पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं. अब मां को रोली और अक्षत से तिलक करें. फिर फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद नारियल और पान के पत्ते अर्पित करें. पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्रों का जाप जरूर करें. मां लक्ष्मी की पूजा में इन मंत्रों का जाप किया जा सकता है. “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः” इन मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करें.धन प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप किया जाता है. पूजा के आखिर में मां लक्ष्मी की आरती करें. आरती के समय कपूर जलाएं और आरती गाएं. सभी सदस्यों को आरती में शामिल करें फिर प्रसाद ग्रहण करें और सभी लोगों में बांटे.