जब चिंता में डूबे विभीषण को प्रभु राम ने गिनाईं अपने ‘अदृश्य’ रथ की खूबियां
सोच से छुड़ाने वाले श्री रामजी बहुत प्रकार से सोच कर रहे हैं. उनके कमल की पंखुड़ी के समान नेत्रों से (विषाद के आंसुओं का) जल बह रहा है. भक्तों पर कृपा करने वाले भगवान ने लीला करके मनुष्य की दशा दिखलाई है. प्रभु के (लीला के लिए किए गए)…
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