अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती
नवरात्रि का हर दिन माता के अलग-अलग स्वरूप को समर्पित हैं। शुभ फल पाने के लिए मां की पूजा के बाद अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली – आरती गाएं।
नौ दिन व्रती व्रत रखकर माता को याद करते हैं। ममता, शक्ति और करुणा की देवी दुर्गा को समर्पित नवरात्रि हिंदू धर्म में बहुत विशेष मानी गई है। मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी है। कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी है। नवरात्रि के इस पावन पर्व में माता भगवती की आरती आप भी पढ़ें।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
तेर भक्त जानो पर मैया भीड़ पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी ।
सो सो सिंहों से है बलशाली,
है अष्ट भुजाओं वाली,
दुखिओं के दुखड़े हारती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
माँ बेटे की है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ।
सबपे करुना बरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखिओं के दुखड़े निवारती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना,
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना ।
सब की बिगड़ी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतिओं के सत को सवारती ।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गायें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।