सूर्य ग्रह को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है। ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में इन्हीं सूर्य को सूर्य देव से जोड़कर भी देखा जाता है जबकि सूर्य देव का जन्म धरती पर ही हुआ माना जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार कश्यप की पत्नी अदिति ने सूर्य साधना करके अपने गर्भ से एक तेजस्वीवान पुत्र को जन्म दिया था।
वैसे तो पौराणिक कथा के अनुसार सूर्यदेव की पत्नी संज्ञा कही जाती हैं, जबकि सूर्यदेव के पुत्र शनिदेव को छायापुत्र के नाम से पुकारा जाता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि शनिदेव और उनके पिता सूर्यदेव दोनों की कभी नहीं बनी।